Thursday, August 8, 2019

रॉन्ग नम्बर का किस्सा

पिछले दिनों अचानक एक सोशल साइट पर मुझे एक मैसेज मिला , जब  मैसेज भेजने वाले का प्रोफ़ाइल चैक किया तो याद आया ये मेरी स्कूल टाइम की फ्रेंड है ! इतने सालों बाद बात हुई तो सबसे पहले नम्बर एक्सचेंज हुए और मैंने ये कह कर उसे तब बाय बोला कि अभी बाहर हूँ घर पहुंच कर फ़ोन करती हूँ ! उसने मुझे दो फोन नंबर मैसेज किए !
मैंने शाम को उसके दिए नम्बर पर कॉल किया , फ़ोन एक आदमी ने उठाया 
मैंने बोला : हेलो, मुझे सुनीता (बदला हुआ नाम) से बात करनी है
उधर से आवाज़ आई.... हाँ रुको, बात कराता हूँ !
मैं रुक गई और उधर से आने वाली आवाज़ें सुनने लगी !
उस आदमी ने एक लेडी को आवाज़ लगाई "ए सुनीता , ओ सुनीता लै तेरे लई फ़ोन आयो है"
सुनीता : (हँसते हुए बोली ) ए तुम झूठ ना बोलो, किसी कंपनी वालन का आया होगा !
वो आदमी: (हँसते हुए) ए झूठ ना बोलरों ,तेरे लिए है आया हेगा !
सुनीता : ( और ज़ोर से हँसते हुए ) मोये सब पतो है तुम झूठ बोल रहे हो !
वो आदमी : (ज़ोर से हँसने लगा)
मैं : उनकी बातें सुनते हुए बड़बड़ाने लगी , अजीब पागल औरत है कम से कम एक बार फ़ोन तो सुन ले !
और इतना सोचना ही था कि उस आदमी ने हँसते हुए फ़ोन काट दिया !
मैंने भी गुस्से में दोबारा फ़ोन नहीं किया और उसे वहीं सोशल साइट पर मैसेज करके कहा "पागल औरत कम से कम एक बार फ़ोन तो सुन लिया कर कि कौन है" !
उसका फौरन रिप्लॉई आया " अरे किसका फ़ोन , मेरे पास तो अभी कोई फ़ोन नहीं आया" , तू अपना नम्बर दे मैं फ़ोन करती हूँ ! 
मैंने उसे अपना फ़ोन नंबर दिया और तभी उसका फ़ोन आ गया और मैंने उसे वो फ़ोन वाली बात पूछी तो उसने ( वैसे ही हँसते हुए बताया ) अरे वो वाला नम्बर तो मैंने गलत भेज दिया था, दूसरा वाला नम्बर सही था !!! वो मैं तुझे बताना भूल गई थी !
मैं : (एक बार फिर से मन ही मन बड़बड़ाते हुए ) बोली, वाह क्या इत्तेफाक है ! दोनों ही सुनीता और दोनों को ही यूँ हँसना कितना पसंद है !

No comments:

Post a Comment

खुद सुधरना नहीं लेकिन बच्चों को सुधारना है

आज सुबह छोटे बेटे की स्कूल #PTM में ..... एक लड़की के पेरेंट्स मैडम के सामने अपनी बेटी के साथ बैठे थे  मैडम : हेलो सर हेलो मैडम .... पेरेंट्स...