Tuesday, July 23, 2019

किस्सा हॉस्पिटल का ...!!!

बात तीन-चार दिन पहले की है रात के तकरीबन 2:00 बजे हुए थे और हम एक प्राइवेट हॉस्पिटल के रिसेप्शन पर खड़े थे परिवार के एक सदस्य अचानक रात को तबियत ख्रराब हो गई जिसे दिखाने के लिए हमें रात को हॉस्पिटल जाना हुआ ! 
कैजुअल्टी वार्ड में ट्रीटमेंट स्टार्ट करवाने के बाद मैं और मेरे हस्बेंड हम  दोनों रिसेप्शन पर खड़े ओपीडी बिल बनवा रहे थे तभी एक लड़का जो हमसे पहले खड़ा था वह भी ओपीडी का बिल भुगतान कर रहा था तभी उसने कुछ दवाइयां मांगी अब क्योंकि रात के 2:00 बज रहे थे तो मेडिकल स्टोर्स ढूंढना मुश्किल था इसलिए उसने दवाइयां हॉस्पिटल की फार्मेसी से ही ले ली, जिस का बिल भी उसे रिसेप्शन पर भरना था  थोड़ी देर में लड़के को बिल मिला उसने देखा तो बिल क हिसाब से उसके पास कुछ पैसे कम पद रहे थे ! 
लड़के ने बिल देखा और रिसेप्शन पर बैठे आदमी से पूछा : पेटीएम से पैसे लेते हो क्या ??
रिसेप्शन पर बैठे शख्स ने कहा : नहीं, सिर्फ कार्ड  चलता है या फिर कैश !
लड़का बोला : मैं इस टाइम इतने पैसे लेकर नहीं आया, आप देख लो अगर पेटीएम से हो जाए तो . . . !
रिसेप्शन पर बैठे आदमी ने फिर से मना कर दिया !
लड़का थोड़ा परेशान हो गया और चढ़ते हुए गुस्से में बोलने लगा : क्या यार , आजकल तो सब पेटीएम से ले लेते हैं ! आप मना कर रहे हो ! 
तभी मेरे दिमाग का कीड़ा कुल बुलाया और मैंने उस तमतमाना शुरू होते हुए लड़के को बोला : भाई, तुम एक प्राइवेट हॉस्पिटल में खड़े हो किसी किराना स्टोर पर नहीं जहाँ चिल्लर में पेमेंट होती है ! यहाँ हॉस्पिटल में तो कार्ड स्वैप करने के बाद भी अगर तुम्हारे अकाउंट में बैलेंस बच जाए तो खुश किस्मत हो तुम ! वरना यहाँ तो कार्ड भी हाँफ जाते है ! और हाँ किराना स्टोर पर तो उधारी भी मिल जाएगी यहाँ तो वो भी नहीं मिलेगी ! 
लड़का अब समझ चुका था उसने अपने साथीदार से पैसो का बंदोबस्त किया और बिल भरा और बिना कुछ बोले चला गया ! 


Thursday, July 18, 2019

किस्सा पकोड़े का !

बात तब की है जब मेरी शादी हुए तकरीबन 4 महीने बीते थे ! मैं धीरे धीरे घर में रच बस रही थी ! अब खुद क्यूंकि एकल परिवार से हूँ और ससुराल सयुंक्त परिवार है, तो एडजस्ट होने में थोड़ा टाइम ज़्यादा लग रहा था और ऊपर से घर में ढेर सारे बच्चे, जिनके लिए मैं यानी सबसे छोटी चाची घर में एक मनोरंजन का साधन थी ! शादी के पहले दिन से ही ये बच्चे मेरे लिए पुरे घर के छोटे खबरीलाल थे ! सबके बारे में मुझे खबर देते रहते थे कौन कितना गुस्से वाला है कौन कितना नरम स्वभाव ! धीरे-धीरे घर की ये छोटी सेना मेरी नई मित्र मण्डली बन गई !
अब एक दिन हुआ यूँ कि घर में मेरी सास से मिलने पड़ोस की एक आंटी आई ! जिन्हें सब बड़ी आंटी कहते थे !सास उन्हें अंदर ले आई और बातो का दौर शुरू हुआ थोड़ी ही देर में ही बातो की सुई मुझ पर घूम गई और सवाल जवाब शुरू हुए ! घर की छोटी सेना मुझे  पहले ही खबर कर चुकी थी कि " चाची ये बड़ी आंटी बहुत स्मार्ट है बच कर रहना " तो मै काफ़ी संभल कर उनसे बात कर रही थी ! अचनाक बात चलते-चलते  बड़ी आंटी ने पूछा,
" रै बहु रोटी राटी तो बनानी आती ही होगी, और कुछ  भी बना ले है के ??"
पहले से सम्भल कर बैठी मैंने , बिना "कुछ और " का मतलब जाने फ़टाक से हाँ बोल दिया !
अब आंटी हँसते हुए मेरी सास से बोली , " रे,नई बहु आई है कुछ बनवा के खुवा दे !"
मेरी सास ने बड़ी आंटी से पूछा क्या खाओगी ? 
आंटी बोली, "ए ज़्यादा कुछ ना दो चार पकौड़े ही बनवा ले, मौसम भी अच्छा सा हो रहा है !" 
मेरी सास ने मुझे पकौड़े बनाने के लिए कहा और साथ में मेरी जेठानी को भी बोला जा तू भी इसके साथ ज़रा देख लियो !
तभी आंटी बोली , "अरे इसने क्यों भेज री है ये तो बेचारी हमेशा ही कुछ न कुछ खिलाती रहो करें है, अब छोटी  आ गई है तो आज इसने यही बैठ लेण दे !" 
मेरी सास बोली "ना कुछ चटनी वटनी बना देगी ये !"
आंटी बोली ," रे कोई ना मैं ऐसे ही चाय क साथ खा लूंगी,इत्ता भी बहुआ ने परेशान न कर !" और उन्होंने हाथ पकड़ कर मेरी जेठानी को अपने पास बैठा लिया ! 
मेरी सास मेरी तरफ एक उम्मीद भरी नज़र देखने लगी !
मैंने भी पुरे विश्वास से बोल दिया " हाँ,भाभी आप बैठो मैं बना लूँगी !" लेकिन अंदर ही अंदर डर पूरा था !
थोड़ी देर बाद मैं चाय और पकोड़े लेकर पहुँच गई ! 
सब को चाय पकोड़े सर्व किये और बड़ी आंटी के साथ सब बच्चों ने भी खाये ! 
थोड़ी देर बाद सास ने आंटी से पूछा 
"कैसे लगे पकोड़े ?"
बड़ी आंटी बोली , "पकोड़े तो बहु ने खूब बड़डीया बना दिए , बस बेसन भीतर से थोड़ा कच्चा सा रह गया अर चाय में पत्ती भी थोड़ी तेज होगी !" तेरी ये बड्डी बहु ज़्यादा अच्छे से बना लें  है !
इससे पहले कि कोई और कुछ बोलता मेरी उसी जेठानी की 8 साल की छोटी बेटी फ़ौरन बोल पड़ी " बड़ी आंटी, मम्मी तो कितने साल से बना रही है पकोड़े वो तो अब पुरानी हो गई, लेकिन चाची तो अभी नई है जब चाची भी मम्मी जितनी पुरानी हो जाएँगी तो वो भी अच्छा बना लेंगी !"

एक #किस्सा #सयुंक्त_परिवार का !!

खुद सुधरना नहीं लेकिन बच्चों को सुधारना है

आज सुबह छोटे बेटे की स्कूल #PTM में ..... एक लड़की के पेरेंट्स मैडम के सामने अपनी बेटी के साथ बैठे थे  मैडम : हेलो सर हेलो मैडम .... पेरेंट्स...